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Tanhai Shayari in Hindi | हिंदी में तन्हाई शायरी

tanhai shayari in hindi
Written by WikiHi

Tanhai Shayari in Hindi

Hello Friends, आज के इस पोस्ट Tanhai Shayari and quotes in Hindi में आप सभी को दी जा रही है कुछ बेहतरीन हिंदी में तन्हाई शायरी अर्थात Tanhai Shayari in Hindi ताकि आप इसे पढ़ सकें और भेज सकें उन लोगों को जिनको इनकी जरुरत हो. तो आइये पढ़ते हैं हिंदी में तन्हाई शायरी.

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Tanhai Shayari in Hindi

चाँदनी बन के बरसने लगती हैं
तेरी यादें मुझ पर,
बड़ा ही दिलकश मेरी
तनहाइयों का मंज़र होता है।

तन्हाई की आग में कहीं जल ही न जाऊँ

के अब तो कोई मेरे आशियाने को बचाले

बहुत सोचा बहुत समझा
बहुत ही देर तक परखा,
कि तन्हा हो के जी लेना
मोहब्बत से तो बेहतर है।

ए मेरे दिल , कभी तीसरे की उम्मीद भी ना किया कर ,

सिर्फ तुम और मैं ही हैं इस दश्त-ए-तन्हाई में …

KABHI GUM TO KABHI TANHAI MAAR GAYI
KABHI YAAD AA KAR UNKI JUDAI MAAR GAYI
BUHUT TOOTH KAR CAHA JISKO HUMNE
AAKHIR MEI UNKI BEWAFI MAAR GAYI

ये शाम बहुत तनहा है मिलने की भी तलब है,
पर दिल की सदाओं में वो ताकत ही कहाँ है,
कोशिश भी बहुत की और भरोसा भी बहुत था,
मिल जायें बिछड़ कर वो किस्मत की कहाँ है।

Meri Tanhayi Ko Mera Shaunq Na Samjhna;

Bohat Pyaar Se Diya Hai Yeh Tohfa Kisi Ne!

हिंदी में तन्हाई शायरी

कहने लगी है अब तो मेरी तन्हाई भी मुझसे,
मुझसे कर लो मोहब्बत मैं तो बेवफा भी नहीं।

“थकन, टूटन, उदासी, ऊब, तन्हाई, अधूरापन ,

तुम्हारी याद के संग इतना लम्बा कारवाँ क्यूँ है ..?”

मेरे दिल का दर्द किसने देखा जुम्हे बस खुदा ने तड़पते देखा
हम तन्हाई में बैठे रोते है लोगो ने हमें महेफिलों में हस्ते देखा

लोगों ने छीन ली है मेरी तन्हाई तक,
इश्क आ पहुँचा है इलज़ाम से रुसवाई तक।

ये ठीक है मरता नहीं कोई जुदाई में, खुदा किसी को किसी से मगर जुदा न करे।

एहतियातन देखता चल अपने साए की तरफ,
इस तरह शायद तुझे एहसास-ए-तन्हाई न हो।

किस से कहु, अपनी तन्हाई का आलम.

लोग चहरें के हसी देख, बहुत खुश समझते हैं.

फिर उसके जाते ही दिल सुनसान हु कर रह गया
अच्छा भला आबाद शहर वीरान हो कर रह गया

​​​​दोस्त बन कर भी नहीं साथ निभाने वाला,
वही अंदाज़ है ज़ालिम का ज़माने वाला,
तेरे होते हुए आ जाती थी दुनिया सारी,
आज तनहा हूँ तो कोई नहीं आने वाला।

अपने दुखो पे रोना  अपनी खुशियों पे रोना, क्या कुछ सिखा जाता है किसी से जुदा होना।

हिंदी में तन्हाई शायरी | Tanhai Shayari in Hindi

Na Meri Koi Manzil Hai,Na Koi Kinara,Tanhai Meri Mehfil Aur Yaadein Mera Sahara,Apno Se Bichhad Ke Humne,Kuchh Yun Waqt Gujara,Kabhi Zindagi Ko Tarse,Kabhi Maut Ko Pukara…कुदरत के इन हसीन नजारों का हम क्या करें,
तुम साथ नहीं तो इन चाँद सितारों का क्या करें।

खौफ अब खत्म हुआ सबसे जुदा होने का..

अपनी तन्हाई में हम अब मसरूफ  बहुत रहते हैं..

में अक्सर रात में युहीं सड़क पर निकलता हूँ
ये सोचकर कि कही चाँद को तन्हाई का अहेसास न हो

जिद में आकर उनसे ताल्लुक तोड़ लिया हमने,
अब सुकून उनको नहीं और बेकरार हम भी हैं।

In Behte Hue Aansuon Se Aqidat Hai Mujhe Bhi,
Unki Tarha Hi Khud Se Shikayat Hai Mujhe Bhi,
Wo Agar Nazuk Hain To Main Bhi Pathar Nahi,
Tanhai Mein Rone Ki Aadat Hai Mujhe Bhi

“हुआ है तुझसे बिछडने के बाद ये मालूम…

कि,सिर्फ तू नहीं था….तेरे साथ मेरी एक पूरी दुनिया थी…।

कभी सोचा न था तन्हाइयों का दर्द यूँ होगा,
मेरे दुश्मन ही मेरा हाल मुझसे पूछते हैं।

कोसते रहते हैं अपनी जिंदगी को उम्रभर

भीड़ में हंसते हैं मगर तन्हाई में रोया करते हैं

वो भी तनहा रोती है और इधर खुश में भी नहीं
सायद पियार की मंजिल यहाँ भी नहीं वहां भी नहीं

मेरी आँखों को देख कर एक साहिब एल्म बोला
तेरी संजीदगी बताती है के तुझे हंसने का शोक था

कहीं पर शाम ढलती है कहीं पर रात होती है,
अकेले गुमसुम रहते हैं न किसी से बात होती है,
तुमसे मिलने की आरज़ू दिल बहलने नहीं देती,
तन्हाई में आँखों से रुक-रुक के बरसात होती है।

लाज़िम नहीं कि उसको भी मेरा ख्याल हो !
मेरा जो हाल है वही उसका भी वही हो !!

देख कर चेहरा पलट देते हैं अब वो आइना,
मौसम-ए-फुरकत उन्हें सूरत कोई भाती नहीं।

इश्क के नशे मे डूबे तो जाना हमने फ़राज़……\ के दर्द मे तन्हाई नही होती तन्हाई मे दर्द होता हैं…\\

हर रात रोते हुवे सूख जाते है आंसू
किया हमारी गलती इतनी बड़ी है जो सजा पोरी नहीं होती

अभी अभी वो मिला था हज़ार बातें कीं,
अभी अभी वो गया है मगर ज़माना हुआ।

हिंदी में तन्हाई शायरी | Tanhai Shayari in Hindi

मैं तन्हाई को तन्हाई में तनहा कैसे छोड़ दूँ !
इस तन्हाई ने तन्हाई में तनहा मेरा साथ दिए है !!

क्या करेंगे महफिलों में हम बता,
मेरा दिल रहता है काफिलों में अकेला।

तन्हाई रही साथ ता-जिंदगी मेरे,
शिकवा नहीं कि कोई साथ न रहा।

कांटो सी चुभती है तन्हाई अंगारों सी सुलगती है तन्हाई कोई आ कर हम दोनों को ज़रा हँसा दे मैं रोती हूँ तो रोने लगती है तन्हाई..

आज इनता तनहा महेसूस किया खुद को
जेसे लोग दफना क्र चले गए हों

तेरे आने की खबर मुझे ये हवाएं देती हैं,
तेरे मिलने को मेरी हर साँस तरसती है,
तू कब आके मिलेगी अपने इस दीवाने से,
तुझसे मिलने को मेरी आवाज तरसती है।

इस तन्हाई का हम पे बड़ा एहसान है साहब !
न देती ये साथ अपना तो जाने हम किधर जाते !!

ऐ सनम तू साथ है मेरे मेरी हर तन्हाई में

कोई गम नहीं की तुमने वफ़ा नहीं की

इतना ही बहुत है की तू शामिल है मेरी तबाही में।

बस में इतना जनता हूँ तेरे बिगैर
ज़िन्दगी हयात नहीं मोअत निजत नहीं

गुजर तो जाएगी तेरे बगैर भी लेकिन
बहुत उदास बहुत बे-क़रार गुजरेगी।

अब तो याद भी उसकी आती नहीं !
कितनी तनहा हो गई तन्हाईयाँ !!

तन्हाई की आग में कहीं जल ही न जाऊँ,

के अब तो कोई मेरे आशियाने को बचाले।

उसे पाना उसे खोना उसी के हिज्र में रोना,
यही गर इश्क है तो हम तन्हा ही अच्छे हैं।

Tanhai Shayari Hindi Me

दर्द ही सही मेरे इश्क का इनाम तो आया
खली ही सही हातों में जाम तो आया
में हूँ बेवफा सबको बताया उसने
यु ही सही उसके लबों पे मेरा नाम तो आया

हम मिले भी तो क्या मिले
वही दूरियाँ वही फ़ासले,
न कभी हमारे कदम बढ़े
न कभी तुम्हारी झिझक गई।

शाम-ए तन्हाई में इजाफा बेचैनी !
एक तेरा ख्याल न जाना एक दूसरा तेरा जवाब न आना !!

ख्वाब बोये थे और अकेलापन काटा है,
इस मोहब्बत में यारों बहुत घाटा है।

तन्हाई की आग में कहीं जल ही न जाऊँ,

के अब तो कोई मेरे आशियाने को बचाले।

“इन उदास कमरों के.. कोनों की गीली तन्हाई.. …

वक़्त की धूप के साथ सूख ही जायेगी…!!

इश्क़ के नशे डूबे तो ये जाना हमने फ़राज़ !
की दर्द में तन्हाई नहीं होती.तन्हाई में दर्द होता है !!

कितनी फ़िक्र है कुदरत को मेरी तन्हाई की,
जागते रहते हैं रात भर सितारे मेरे लिए।

तन्हाई शायरी Hind Me Download Karen

मेरी तन्हाइयां करती हैं ​जिन्हें याद सदा,
उन को भी मेरी ज़रुरत हो ज़रूरी तो नहीं।

जब भी तन्हाई में उनके बगैर जीने की बात आयी

उनसे हुई हर एक मुलाकात मेरी यादों में दौड आई

कुछ लोग जमाने में ऐसे भी तो होते हैं..

महफिल में तो हंसते हैं तन्हाई में रोते हैं.

वो जोश-ए-तन्हाई शब-ए-ग़म,
वो हर तरफ बेकसी का आलम,
कटी है आँखों में रात सारी,
तड़प तड़प कर सहर हुयी।

बचपन में जहां चाहा हंस लेते थे,

जहां चाहा रो लेते थे पर अब मुस्कान को तमीज़ चाहिए

और आंसुओं को तन्हाई

करोगे याद एक दिन प्यार के ज़माने को

चले जाएँगे जब हम ना वापिस आने को

चलेगा जब महफ़िल मे ज़िक्र हमारा

तो तुम भी तन्हाई ढूँढोगे आँसू बहाने को

मेरा और उस चाँद का मुकद्दर एक जैसा है,
वो तारों में तन्हा है और मैं हजारों में तन्हा।

तू नहीं तो ज़िंदगी में और क्या रह जायेगा,
दूर तक तन्हाइयों का सिलसिला रह जायेगा,
आँखें ताजा मंजरों में खो तो जायेंगी मगर,
दिल पुराने मौसमों को ढूंढ़ता रह जायेगा।

तुझपे खुल जाती मेरे रूह की तन्हाई भी !
मेरी आँखों में कभी झांक के देखा होता !!

एक पुराना मौसम लौटा याद भरी पुरवाई भी,
ऐसा तो कम ही होता है वो भी हो तन्हाई भी।

तुम्हारे बगैर ये वक़्त ये दिन और ये रात,
गुजर तो जाते हैं मगर गुजारे नहीं जाते।

उनके जाने के बाद,तन्हाई का सहारा मिला है

इसकी आगोश में आये, फिर निकलना नही आया

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